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Kisan Credit Card

बकरी पालन व्यवसाय में है पैसा ही पैसा

बकरी पालन व्यवसाय में है पैसा ही पैसा

बकरी पालन के आधुनिक तरीके को अपना कर आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। जरूरत सिर्फ इतनी है, कि आप चीजों को बारीकी से समझें और एक रणनीति बना कर ही काम करें। 

पेशेंस हर बिजनेस की जरूरत है, अतः उसे न खोएं, बकरी पालन एक बिजनेस है और आप इससे बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं।

गरीबों की गाय

पहले बकरी को गरीब किसानों की गाय कहा जाता था। जानते हैं क्यों क्योंकि बकरी कम चारा खाकर भी बढ़िया दूध देती थी, जिसे किसान और उसका परिवार पीता था। 

गाय जैसे बड़े जानवर को पालने की कूवत हर किसान में नहीं होती थी। खास कर वैसे किसान, जो किसी और की खेती करते थे। 

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आधुनिक बकरी पालन

अब दौर बदल गया है, अब बकरियों की फार्मिंग होने लगी है। नस्ल के आधार पर क्लोनिंग विधि से बकरियां पैदा की जाती हैं। देसी और फार्मिंग की बकरी, दोनों में फर्क होता है। यहां हम देसी की नहीं, फार्मिंग गोट्स की बात कर रहे हैं। 

जरूरी क्या है

बकरी पालन के लिए कुछ चीजें जरूरी हैं, पहला है, नस्ल का चुनाव, दूसरा है शेड का निर्माण, तीसरा है चारे की व्यवस्था, चौथा है बाजार की व्यवस्था और पांचवां या सबसे जरूरी चीज है, फंड का ऐरेन्जमेंट। ये पांच फंडे क्लीयर हैं, तो बकरी पालन में कोई दिक्कत नहीं जाएगी। 

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नस्ल या ब्रीड का चयन

अगर आप बकरी पालने का मूड बना ही चुके हैं, तो कुछ ब्रीडों के बारे में जान लें, जो आने वाले दिनों में आपके लिए फायदे का सौदा होगा। 

आप अगर पश्चिम बंगाल और असम में बकरी पालन करना चाहते हैं, तो आपके लिए ब्लैक बेंगार ब्रीड ठीक रहेगा। लेकिन, अगर आप यूपी, बिहार और राजस्थान में बकरी पालन करना चाहते हैं, तो बरबरी बेस्ट ब्रीड है। 

ऐसे ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आप बीटल, सिरोही जैसे ब्रीड को ले सकते हैं। इन बकरियों का ब्रीड बेहतरीन है। ये दूध भी बढ़िया देती हैं, इनका दूध गाढ़ा होता है और बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए आदर्श माना जाता है। 

ट्रेनिंग कहां लें

आप बकरी पालन करना तो चाहते हैं, लेकिन आपको उसकी एबीसी भी पता नहीं है। तो चिंता न करें, एक फोन घुमाएं नंबर है 0565-2763320 यह नंबर केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा, यूपी का है। यह संस्थान आपको हर चीज की जानकारी दे देगा। अगर आप जाकर ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, तो उसकी भी व्यवस्था है। 

शेड का निर्माण

इसका शेड आप अपनी जरूरत के हिसाब से बना सकते हैं, जैसे, शुरुआत में आपको अगर 20 बकरियां पालनी हैं, तो आप 20 गुणे 20 फुट का इलाका भी चूज कर सकते हैं। 

उस पर एसबेस्डस शीट लगा कर छवा दें, बकरियां सीधी होती हैं। उनको आप जहां भी रखेंगे, वो वहीं रह जाएंगी, उन्हें किसी ए सी की जरूरत नहीं होती। 

भोजन

बकरियों को हरा चारा चाहिए, आप उन्हें जंगल में चरने के लिए छोड़ सकते हैं, आपको अलग से चारे की व्यवस्था नहीं करनी होगी। लेकिन, आप अगर जंगल से दूर हैं, तो आपको उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था करनी होगी। 

हरे चारे के इतर बकरियां शाकाहारी इंसानों वाले हर भोजन को बड़े प्यार से खा लेती हैं, उसके लिए आपको टेंशन नहीं लेने का। 

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कितने दिनों में तैयार होती हैं बकरियां

एक बकरी का नन्हा बच्चा/बच्ची 10 माह में तैयार हो जाता है, आपको जो मेहनत करनी है, वह 10 माह में ही करनी है। इन 10 माह में वह इस लायक हो जाएगा कि परिवार बढ़ा ले, दूध देना शुरू कर दे। 

बाजार

आपकी बकरी का नस्ल ही आपके पास ग्राहक लेकर आएगा, आपको किसी मार्केटिंग की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसलिए नस्ल का चयन ठीक से करें। 

फंड की व्यवस्था

आपके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, तो उससे लोन ले सकते हैं। बकरी पालन को उसमें ऐड किया जा चुका है। केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) नहीं है तो आप किसी भी बैंक से लोन ले सकते हैं। 

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कोई बीमारी नहीं

अमूमन बकरियों में कोई बीमारी नहीं होती, ये खुद को साफ रखती हैं। हां, अब कोरोना टाइप की ही कोई बीमारी आ जाए तो क्या कहा जा सकता है, इसके लिए आपको राय दी जाती है, कि आप हर बकरी का बीमा करवा लें। खराब हालात में बीमा आपकी बेहद मदद करेगा।

लघु और सीमांत किसानों को अब सुगमता से मिला ऋण

लघु और सीमांत किसानों को अब सुगमता से मिला ऋण

भारत के लघु कृषकों को वर्तमान में आसानी से कर्जा मिल पाऐगा। बतादें, कि मोदी सरकार शीघ्र ही एक नया प्रोग्राम लॉन्च करने जा रही है, जिसके अंतर्गत ऋण और इससे जुड़ी सेवाओं के लिए एआरडीबी से जुड़े छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा। देश के लघु कृषकों के लिए केंद्र सरकार शीघ्र ही नवीन योजना जारी करने जा रही है। दरअसल, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह शीघ्र ही कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (Rural Development Banks) और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (Registrar of Cooperative Societies) लिए कम्प्यूटरीकरण परियोजना का आरंभ करने जा रही है। 

आधिकारिक बयान के मुताबिक, अमित शाह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एआरडीबी और आरसीएस की कम्प्यूटरीकरण परियोजना को लागू करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की मदद से किया जा रहा है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (RCSs) कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण मंत्रालय द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। 

एनसीडीसी की मदद से सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित

यह कार्यक्रम एनसीडीसी (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम) के सहयोग से सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (RCSs) कार्यालयों का पूर्णतय कंप्यूटरीकरण  किया जाएगा, जो सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाया गया एक अहम कदम है। बयान में कहा गया है, कि इस परियोजना के जरिए सहकारी क्षेत्र का आधुनिकीकरण और दक्षता बढ़ाई जाऐगी। जहां संपूर्ण सहकारी तंत्र को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाऐगा। 

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एआरडीबी की 1,851 इकाइयों को कंप्यूटरीकृत करने का कार्य जारी 

बयान में कहा गया है, कि 13 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में एआरडीबी की 1,851 इकाइयों को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। साथ ही, इन्हें राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के साथ जोड़ा जाऐगा। इसके जरिए सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाले एक सामान्य राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर आधारित होंगे। यह पहल कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम (सीएएस) और मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) के द्वारा व्यावसायिक प्रक्रियाओं को मानकीकृत करके एआरडीबी में कार्य संचालन क्षमता, जवाबदेही और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करेंगे। इस कदम से प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटीज (पैक्स) के जरिए छोटे और सीमित कृषकों को एकड़ और संबंधित सेवाओं के लिए एआरडीबी से लाभ मिलेगा। 

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के फायदे

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के फायदे

खेती के लिए किसान किसी बैंक से या वही के किसी सेठ से पैसे उधार पे लेते है, और बैंक या सेठ पैसे के साथ ब्याज भी बहुत ज्यादा रख देता है. 

बाद में जअब पैसे वापस करने होते है तो बहुत ज्यादा ब्याज की वजह से किसान जितना कमाते है उतना उनका उधर चुकाने में चला जाता है. जिस वजह से सरकार ने किसानों के लिए सस्ते लोन लेने के लिए और साहूकारों के कर्ज से बचने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए बनवाया है. 

3 लाख तक का कर्ज 9 प्रतिशत की ब्याज दर पे मिलता है . जिसमे सरकार 2 प्रतिशत तक की सब्सिडी और अगर आपने अपने लोन के पैसे निर्धारित समय पर वापस कर दिए तो ब्याज में 3% की और छूट मिल जाएगी. 

इस तरह तो सिर्फ 4% ब्याज दर पे 3 लाख का लोन किसान क्रेडिट कार्ड से मिलेगा. किसान क्रेडिट कार्ड से 1.60 लाख तक का लोन किसान बिना कोई गारंटी दिखाए ले सकता है.

किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनवाए

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना बहुत आसान है. इसे बनवाने से आपको खेती के लिए सस्ते दरों पर लोन मिल जाएगा. अगर आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी है तो आप केसीसी आसानी से बनवा सकते है.  

पीएम किसान की अधिकारिक वेबसाइट  में आप जाकर किसान क्रेडिट फॉर्म को डाउनलोड कर प्रिंट निकलवा ले फिर उसमे जो भी डिटेल्स हो भरने को कही हो वो भर दे. इसमें आवेदक का आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो कॉपी लगाइए. 

और साथ ही किसान की पासपोर्ट साइज फोटो. साथ ही साथ एक एफिडेविट भी होना चाहिए जिसमे लिखा हो कि," मैने किसी और बैंक से लोन नहीं लिया है और न ही मेरा किसी बैंक में बकाया है". 

नजदीक के किसी बैंक में इस फॉर्म को जमा करवा दे. यदि बैंक को आपका आवेदन सही लगता है तो वो आपका 14 दिन के अंदर आपका कार्ड बन जाएगा.

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आप किसी नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर भी इसके लिए अप्लाई कर सके है. इसमें पट्टेदार व बटाईदार भी इसका लाभ उठा सकते हैं. यहां से किसान केसीसी आसानी से बनावा सकते है. समय पर मूलधन और ब्याज जमा कर आप इसका अधिक लाभ उठा सकते है. 

किसानों का काम सरकार ने किया आसान

पहले किसानों के लगभग 5 हजार रूपए क्रेडिट कार्ड बनवाने पर प्रॉसेसिंग फीस के रूप में लग जाते थे. परंतु अब 3 लाख रुपए तक के लोन के लिए कोई भी बैंक अप्लीकेंट से प्रोसेसिंग फीस, वेरिफिकेशन, लेजर फाॅलियों चार्ज और सर्विस टैक्स नहीं मांग सकता है.

सरकार ने बढ़ाई KCC की लिमिट, अब 1 लाख नहीं बल्कि इतना मिलेगा लोन

सरकार ने बढ़ाई KCC की लिमिट, अब 1 लाख नहीं बल्कि इतना मिलेगा लोन

भारत में किसानों की दयनीय हालत के बारे में हम सब जानते हैं और किसानों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएं लाती रहती है। पिछले सालों के दौरान सरकार ने पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojna) शुरू की थी जिसमें किसानों को 2000 रुपये की तीन किश्तें दी जाती थीं, यानी कि कुल 6000 रुपये का लाभ दिया जाता था (पीएम किसान योजना की वेबसाइट पर जाकर और जानकारी प्राप्त करें)। वैसे सरकार का मानना है कि किसान अगर खेती में इस्तेमाल होने वाले बेहतर बीज या कृषि उपकरणों का इस्तेमाल करें तो उनकी इनकम बढ़ाई जा सकती है। उसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक पुरानी किसान योजना को और भी बेहतर बना दिया है। इस योजना के अंतर्गत किसान अब 1 लाख 60 हजार रुपये का लाभ ले सकते हैं और अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं। कौन सी है ये योजना, आइए जानते हैं। इस स्कीम का नाम किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) है। वैसे यह स्कीम तो बहुत पहले से चल रही है, जिसमें किसान कम ब्याज़ दरों पर लोन लेते हुए अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं। पहले इस योजना के अंतर्गत बैंक किसानों को 1 लाख रुपये तक का कर्ज ही देते थे, लेकिन अब इस कर्ज की रकम 1 लाख 60 हजार रुपये कर दी गई है। इस तरह से अब किसान अपनी खेती और बेहतर बना पाएंगे और बढ़ती हुई महंगाई के बीच अपनी इनकम भी बढ़ा पाएंगे। ये भी पढ़ें : कृषि सब्सिडी : किसानों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता के बारे में जानें अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि लोन पर तो ब्याज बहुत लगता है, तो इसकी चिंता करने की आपको जरूरत नहीं है। क्योंकि, इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी दी जाती है, इसलिए लोन बेहद कम ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाता है और इसकी ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत होती है। साथ ही अगर किसान समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं, तो उन्हें इसेंटिव के तौर पर और भी छूट दी जाती है। गौर करने वाली बात है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत साल 1998 में की गई थी। इस योजना का मकसद किसानों की पहुंच बैंक तक करने की थी। इसके पहले गरीब किसानों को बैंकों से कर्ज लेने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन फिर भी कइयों को कर्ज नहीं मिल पाता था। पिछले कुछ सालों में किसानों ने केसीसी के माध्यम से लोन उठाया है और अपने जीवन को समृद्ध बनाया है। जैसा कि अब लोन की राशि बढ़ा दी गई है। ऐसे में किसान एक बार फिर से अपनी बेहतरी कि दिशा में बढ़ेंगे।
कृषि लोन लेने के लिए किसानों को नहीं होगी ज्यादा दिक्कत, रबी की फसल होगी जबरदस्त

कृषि लोन लेने के लिए किसानों को नहीं होगी ज्यादा दिक्कत, रबी की फसल होगी जबरदस्त

कृषि योजनाओं के तहत किसानों को सस्ती दर पर कृषि सम्बंधित कर्ज मिलेगा, किसान लोन योजनाओं के माध्यम से सहजता से कर्ज ले सकते हैं। मूसलाधार बारिश के चलते किसानों के ऊपर संकट के बादल छाए हुए हैं, ऐसे में किसानों को आर्थिक सहायता की बेहद आवश्यकता है। आकस्मिक आपदा की वजह से किसानों की फसल चौपट हो गयी है, उनको अब कोई भी आय का स्त्रोत नजर नहीं आ रहा है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की भी मांग की है, पूर्णतया किसान सरकार के भरोसे ही बैठे हैं। इसमें कृषि लोन योजनायें किसानों की भरपूर मदद करेगी, जिससे किसानों को रबी की फसल उगाने के लिए आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार के साथ साथ निजी संस्थाए भी किसानों की सहायता के लिए आगे आ रही हैं।


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किसान क्रेडिट कार्ड क्या है

किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) किसानों के लिए आर्थिक सहायता काफी कम दर पर देने का माध्यम है, जिसको भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए बेहद हितेषी साबित होता है, जिसके अंतर्गत किसानों को १ लाख ६० हजार रुपये तक की राशि, न्यूनतम दर पर बिना किसी गारंटी के किसानों को प्रदान की जाती थी। भारत सरकार द्वारा किसानों की दयनीय हालत को देखते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की मर्यादा ३ लाख रूपए तक कर दी गयी है, ३ लाख तक के अल्पकालिक कर्ज पर १.५ प्रतिशत प्रति वर्ष छूट देने का ऐलान किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड के अन्य भी कई लाभ हैं, जैसे कि फसलों का बीमा ,पशुपालन एवं मछली पालन आदि के लिए भी न्यूनतम दर पर कर्ज लेने में सहायक होता है।

कृषि स्वर्ण लोन एवं एस बी आई कृषक उत्थान योजना में अंतर

कृषि स्वर्ण लोन योजना तथा एस बी आई कृषक उत्थान योजना (SBI Krishak Uthan Yojna) दोनों ही किसानों के लिए लोन देकर उनकी समस्याओं को दूर करने में काफी सहायक होती हैं। कृषि स्वर्ण योजना किसानों को ५० लाख तक की सहायता प्रदान करती है, जबकि एस बी आई २० हजार व्यय पर १ लाख तक की सहायता किसानों को उपलब्ध कराती है। दोनों योजनाओं का मकसद किसान की खुशहाली है। किसानों को उनकी फसल को तैयार करने के लिए किसी भी आर्थिक तंगी से न गुजरना पड़े, इसलिए ये योजनायें किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कर्ज प्रदान करती हैं।


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भूमि खरीदी योजना क्या है ?

भूमि खरीदी योजना के तहत आर्थिक रूप से असमर्थ किसानों के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया व अन्य सरकारी बैंकों से लोन प्रदान किया जाता है। भूमि की वास्तविक कीमत और उसकी सटीक जानकारी बैंक प्रबंधक को देने के उपरांत, भूमि की कीमत की ८५ प्रतिशत धनराशि बैंक द्वारा कर्ज के रूप में प्रदान करदी जायेगी। किसान भूमि खरीदकर, उसमें फसल उगा अपनी आय का स्त्रोत उत्पन्न कर सकते हैं और लोन की धन राशि को समयानुसार अदा भी कर सकते हैं।

कृषि सम्बंधित उद्योगों के लिए कितना लोन मिल सकता है

किसानों की आर्थिक स्तिथि को सुधारने के लिए एवं पूर्णतया कृषि पर निर्भरता को कम करने के लिए, नाबार्ड किसानों को २० लाख रूपये तक का व्यक्तिगत कर्ज उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत नवीन उघोग स्थापित करने के लिए किसानों को १ करोड़ तक का लोन प्रदान किया जाता है। कृषि उपचार केंद्र एवं कृषि सम्बंधित औघोगिक इकाइयां स्थापित होने से किसानों की आजीविका के लिए नवीन अवसर उपलब्ध होंगे, जिनकी सहायता से किसानों की अर्थव्यवस्था एवं जीवन शैली बेहतर पथ की और अग्रसर होगी।
66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगी यह राज्य सरकार, मिलेगी हर प्रकार की सुविधा

66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगी यह राज्य सरकार, मिलेगी हर प्रकार की सुविधा

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हितो में कार्य कर रही है, ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार 66 लाख नए किसानों को 'किसान क्रेडिट कार्ड' (Kisan Credit Card) मुहैया करवाने जा रही है, ताकि किसान भाई आसानी से सरकार द्वारा दिए जा रहे कृषि सम्बंधित लाभों का उपयोग कर पाएं। फिलहाल अभी तक प्रदेश में 94 लाख से ज्यादा कृषकों के पास 'किसान क्रेडिट कार्ड' है। अब निश्चित तौर पर 'किसान क्रेडिट कार्ड' धारक कृषकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने वाली है। 'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से सरकार कृषकों को बेहद सस्ती दरों पर अल्पकालिक लोन की सुविधा मुहैया करवाती है। जबकि इसके विपरीत बाजार में निजी संस्थाएं भी कृषि के लिए लोन मुहैया करवाती हैं जिनमें ब्याज की दर ऊंची रहती है, जिससे किसान कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।

'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से खेती की तैयार के लिए मिलेगी सुविधा

'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से सरकार किसानों को खेती की तैयारी के लिए लोन उपलब्ध करवाती है। इनमें कृषि उपकरणों की खरीदारी से लेकर अन्य तरह की सुविधाओं के लिए लोन उपलब्ध करवाया जाता है। कृषि उपकरणों की खरीदारी के लिए किसान भाई 'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते हैं। कई बार सरकार कृषि उपकरणों की खरीदारी पर सिर्फ उन्हीं किसानों को सब्सिडी देती है जिनके पास पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड होता है।

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'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से किसानों को खाद, बीज और उर्वरक की भी मिलेगी सुविधा

किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को खाद बीज के साथ ही उर्वरक और कीटनाशक खरीदने के लिए भी सरकार लोन उपलब्ध करवाती है। इस साल उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि बुंदेलखंड के कई जिलों में दलहनी और तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाए। इसके लिए सरकार 'किसान क्रेडिट कार्ड' बनाने के लिए बुन्देलखंड के किसानों पर विशेष फोकस करने वाली है ताकि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके और किसान भाई आसानी से अपनी जरुरत के मुताबिक़ खाद, बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीद सकें व जिससे किसानों की फसलों को किसी भी प्रकार के पोषण की कमी महसूस न हो। इसके अलावा सरकार ने बताया है कि रबी के सीजन में किसानों को डीएम-सीडीओ की ओर से भी बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि संयंत्र भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। 

 इस साल प्रदेश में गेहूं का रकबा कम हो गया है, जिसके कारण बाजार में गेहूं की कमी महसूस की गई है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसलिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सरकार किसानों को गेहूं के रकबे में बढ़ोत्तरी करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। 'किसान क्रेडिट कार्ड' के माध्यम से लोन लेकर किसान भाई गेहूं की अच्छी अच्छी किस्मों के बीज खरीद सकते हैं ताकि उनके उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सके। इसके अलावा हाथ में पैसे होने के कारण गेहूं की खेती और सिंचाई में लगने वाले अन्य सामानों को भी किसान भाई आसानी से खरीद सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में मिला मछली पालन को कृषि का दर्जा, जाने किसानों के लिए कैसे है सुहाना अवसर

छत्तीसगढ़ में मिला मछली पालन को कृषि का दर्जा, जाने किसानों के लिए कैसे है सुहाना अवसर

छत्तीसगढ़ तालाबों और जलाशयों की भूमि है, इसलिए छत्तीसगढ़ में फसलों के साथ-साथ मछली पालन भी व्यवसाय एक अहम हिस्सा बन गया है। इसी के चलते हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार की एक घोषणा ने यहां पर मत्स्य पालन करने वाले लोगों को काफी राहत की सांस दी है। आंकड़ों की माने तो छत्तीसगढ़ भारत में मत्स्य पालन में आठवें नंबर पर आता है और माना जा रहा है, कि इस घोषणा के बाद इसके 6th नंबर पर आने की संभावना है। मछली पालन से यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो सकती हैं और इसे ही देखते हुए सरकार ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया है। प्रशासन की मानें तो यह है राज्य के लोगों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने और उन्हें आजीविका के और साधन देने के लिए लिया गया एक बेहतरीन फैसला है।

अब मछली पालन में क्या होंगे फायदे

अब मछली पालन के लिए लोन लेने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं, क्योंकि यहां पर कृषि की तरह ही बिना ब्याज के लोन देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में मछली पालन के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही किसानों की आर्थिक समस्या का हल भी मिलेगा। ये भी पढ़े: जानिये PMMSY में मछली पालन से कैसे मिले लाभ ही लाभ आजकल हमें यह भी देखने को मिल रहा है, कि सामान्य कृषि में लोगों का रुझान भी कम हो रहा है और साथ ही उसमें आमदनी भी कम होती जा रही है। बारिश के कम ज्यादा होने का मौसम के जरा सा इधर-उधर होने पर कृषि में किसानों की पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती हैं। जिससे उन्हें काफी तंगी का सामना करना पड़ता है, ऐसे में इन सब चीजों को देखते हुए लोगों का रुझान मछली पालन की ओर ज्यादा बढ़ा है।

किस तरह से होगा लोन की दर में बदलाव

पहले की बात करें तो किसानों को 100000 के मूल्य पर 1% और 300000 तक के मूल्य पर 3% ब्याज की दर के साथ लोन दिया जाता था। लेकिन अब जबसे मत्स्य पालन को कृषि की तरह ही दर्जा मिल गया है, तो सरकारी विभाग से यह लोन बिना किसी ब्याज के किसानों को दिया जाएगा। साथ ही यहां पर भी किसान कृषि क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं और उसका फायदा उठा सकते हैं।

मत्स्य पालकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएं और लाभ

वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई बांधों एवं जलाशयों से नहर के माध्यम से जलापूर्ति की आवश्यकता पड़ती थी, जिसके लिए मत्स्य कृषकों एवं मछुआरों को प्रति 10 हजार घन फीट पानी के बदले 4 रुपए का शुल्क अदा करना पड़ता था, जो अब फ्री में मिलेगा। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=stwIUBJpMGE&t=4s[/embed] मत्स्य पालक कृषकों एवं मछुआरों को प्रति यूनिट 4.40 रुपए की दर से विद्युत शुल्क भी अदा नहीं करना होगा। ये भी पढ़े: 66 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगी यह राज्य सरकार, मिलेगी हर प्रकार की सुविधा
  • राज्य सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान (सब्सिडी) उपलब्ध कराती है।
  • मत्स्य पालकों को 5 लाख रुपए तक का बीमा दिया जाता है।
  • मछुआ सहकारी समितियों को मत्स्य पालन के लिए जाल, मत्स्य बीज एवं आहार के लिए 3 सालों में 3 लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है।
क्यों घट रही है किसान क्रेडिट कार्ड लेने वालों की संख्या, जाने क्या है सरकार के उपाय

क्यों घट रही है किसान क्रेडिट कार्ड लेने वालों की संख्या, जाने क्या है सरकार के उपाय

सरकार ने किसानों की मदद करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना लागू की थी। इसके तहत किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए जाते हैं, जिसकी मदद से वह अपनी वित्तीय सहायता कर सकते हैं। लेकिन हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पांच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों की संख्या लगभग 88% तक कम हो गई है।

5 राज्यों का रिकॉर्ड है बेहद खराब

हालांकि पूरे देश में ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की दर में कमी आई है। लेकिन देश के पांच ऐसे राज्य हैं, जिनका रिकॉर्ड बेहद खराब है। इन पांच राज्यों में त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, पश्चिमबंगाल और असम शामिल हैं। अगर हर राज्य की गिरावट की प्रतिशत दर देखी जाए तो त्रिपुरा में 96.20 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 93.33 प्रतिशत, चंडीगढ़ 85.09 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल 83.11 प्रतिशत, असम में 82.73 प्रतिशत कमी दर्ज की गई। अगर केवल इन्हीं राज्यों के आंकड़ों के बारे में चर्चा की जाए तो पांच राज्यों के आधार पर ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की दर में 88% तक की गिरावट दर्ज की गई है।


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किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की दर में गिरावट के कारण क्या हैं?

सरकार इस गिरावट को लेकर चिंता में हैं। किसान क्रेडिट कार्ड में किसानों के लिए बहुत ही लुभावने ऑफर दिए गए हैं। यहां पर ब्याज की दर केवल चार से 5% तक रखी गई है, जबकि किसी भी अन्य बैंक से लोन लेने पर दर लगभग 9 से 12% के मध्य ही रहती है। फिर भी किसान किसान क्रेडिट कार्ड से लोन नहीं लेना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है, वह है कि किसान लोन लेने के बाद उसे भरने में सक्षम नहीं है। एक बार किसी भी प्राकृतिक कारण से अगर फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसान उसकी भरपाई नहीं कर पाते हैं।

इसलिए भी नहीं मिले कार्ड

इसके अलावा बहुत से किसान कार्ड लेने के लिए मान्यता ही नहीं रखते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड लेने के लिए किसानों के पास अपना जमीन का टुकड़ा होना बेहद जरूरी है। साथ ही, एक बार लोन लेने के बाद मार्च में क्लोजिंग के समय उन्हें ली गई पूरी राशि को एक साथ जमा करना पड़ता है। दोनों ही मापदंड पूरे ना किए जाने की स्थिति में उन्हें कार्ड नहीं मिल पाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड शिविर का आयोजन, सैकड़ों किसानों ने कराया आवेदन

किसान क्रेडिट कार्ड शिविर का आयोजन, सैकड़ों किसानों ने कराया आवेदन

रायगढ़ जिले के सभी जनपद पंचायत में किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के शिविर का आयोजन किया गया. क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए सैंकड़ों किसानों की भीड़ उमड़ी साथ ही कई आवेदन भी जमा किये. शिविर में अधिकारीयों और कर्मचारियों ने किसानों से आवेदन फार्म जमा करवाए. बता दें लगभग 143 किसानों ने शिविर के पहले दिन किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन जमा किया. गौ पालन के लगभग 37, मछली पालन के लगभग 37, उद्यानिकी के 48 और कृषि के 21 आवेदन फार्म भरे गये. 31 मार्च तक हर सोमवार, बुधवार, शुक्रवार को इस शिविर का आयोजन किया जाएगा. इतना ही नहीं कुछ दिन पहले क्लेकात्र ने शिविर के माध्यम से केसीसी बनाने की आदेश दिए थे.
  • किसानों को मिल सकेगा सस्ता ऋण

हालांकि खेती बाड़ी के लिए हर किसान को ऋण की जरूरत होती है. जिसे देखते हुए राज्य शासन ने किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को सहकारी बैंकों से काफी सस्ते में ऋण दिलाया जाएगा. आपको बता दें कि अभी तक केसीसी बनाने का काम किया जा रहा है. जिसके लिए शिविर भी लगाये जा रहे हैं. यहं से
किसान क्रेडिट कार्ड आसानी से बनवाया जा सकता है.
  • शिविर को बताया जा रहा अच्छी पहल

शिविर के जरिये किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए लगातार आवेदन लिया जा रहे हैं. किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों के लिए गाय, मछली, सब्जी से जुड़े कामों के लिए जीरो फीसद ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है. ज्यादातर मामलों में पैसों की कमी की वजह से फसल, बीज या फिर खाद की खरीद में मुश्किल हो जाती है. अगर किसी किसान को इस योजना के तहत फायदा मिलता है, तो मिली हुई रकम से वह बीज या खाद खरीद सकेंगे. इतना ही नहीं अलग अलग कामों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जा रहा हैम जिसमें खेती से भी ज्यादा फायदा उद्यानिकी फसलों को मिलेगा.

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इन बातों का रखना होगा ख्याल

  • जो भी किसान किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो पस्प्र्ट साइज़ फोटो साथ में रखनी होगी.
  • इसके आलवा आधार कार्ड और बी 1 की कॉपी भी किसानों को साथ में लानी होगी.
  • अगर हितग्राही किसी सहकारी समिति का सदस्य नहीं है तो लगभग 110 रुपये का शुक्ल किसानों को देना होगा.
कलेक्टर सिन्हा के आदेश पर कार्यालय में शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इतना ही नहीं शिविर में किसानों को उपस्थित रखकर ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना होगा. कलेक्टर के मुताबिक इस योजना के तहत किसान बेहद कम ब्याज दरों में किसानी से जुड़े कामों के लिए बैंकों से ऋण ले सकते हैं. साथ ही किसानों को अपनी खेती और किसानों के लिए जरूरी कामों के लिए अच्छी खासी रकम मिल सकती है.
बेमौसम बरसात या ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर KCC धारक किसान को मिलती है ये सुविधाएं

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सरकार किसानों के कल्याण के लिए बहुत सारी योजनाएं चल रही है, जिनका फायदा उठाकर किसानों का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण हुआ है। अब मध्यम एवं छोटे किसान भी सरकार से मिलने वाली सहायता के कारण बिना किसी चिंता और परेशानी के खेती कर पा रहे हैं। ऐसी ही हम आपको एक योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे अभी तक लाखों किसान लाभान्वित हुए हैं। इस योजना को 'किसान क्रेडिट कार्ड योजना' के नाम से जाना जाता है। इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 1998 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को बेहद आसानी से कृषि कार्यों के लिए लोन मिल जाता है, जिससे किसानों को खाद बीज और कीटनाशक खरीदने के लिए पैसे की कमी नहीं होती। इसके साथ ही अगर किसान ने KCC लिया हुआ है तो प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद होने की स्थिति में भी किसानों को बड़ी राहत प्रदान की जाती है।

ऐसे लें KCC लोन

इस योजना में किसानों को नकद पैसे न देकर क्रेडिट कार्ड पर लोन दिया जाता है। जिससे किसान खेती के लिए कृषि यंत्रों सहित अन्य जरूरी समान की खरीदी समय पर कर पाएं। नाबार्ड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अंतर्गत आने वाले बैंक इस योजना के तहत किसानों को लोन मुहैया करवाते हैं। जो बेहद रियायती दरों पर होता है। इससे किसान साहूकारों और महाजनों के कर्ज के जाल में फंसने से बच जाते हैं। ये भी पढ़े: सरकार ने बढ़ाई KCC की लिमिट, अब 1 लाख नहीं बल्कि इतना मिलेगा लोन इस कार्ड के अंतर्गत लोन लेने के बाद किसान को एक साल के भीतर लोन चुकता करना होता है। लोन चुकता करने के लिए किसानों के साथ किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती नहीं की जाती है।

इतने रुपये का मिलता है लोन

KCC के अंतर्गत बिना किसी गारंटी के 1 लाख रुपये तक का लोन मुहैया करवाया जाता है। इसके लिए किसान को बैंक में किसी भी प्रकार की जमानत नहीं रखनी होती है। इसके अलावा बैंक 5 साल के लिए 3 लाख रुपये का अल्पकालिक लोन भी देते हैं। इसके लिए किसान को बैंक में कुछ न कुछ जमानत रखनी होती है। क्रेडिट कार्ड जारी करने के 15 दिन के भीतर बैंक द्वारा लोन जारी कर दिया जाता है।

फसल बर्बाद होने पर किसानों को ऐसे मिलता है प्रोटेक्शन

जब बैंक किसानों को लोन जारी करता है तब सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार किसान की फसलों को इश्योरेंस कवरेज भी दिया जाता है। अगर किसान की फसल कीटों से प्रभावित होती है या किसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होती है तो किसान अपना इश्योरेंस क्लेम कर सकता है। इन दिनों देश में प्राकृतिक आपदा के कारण बड़े स्तर पर फसलें प्रभावित हुई हैं। ऐसे में जिन भी किसानों ने KCC के माध्यम से लोन लिया होगा, वो बेहद आसानी से अपनी नष्ट हुई फसल के लिए इश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं।
दुधारू पशु खरीदने पर सरकार देगी 1.60 लाख रुपये तक का लोन, यहां करें आवेदन

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भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर नए प्रयास करती रहती है। जिसके अंतर्गत किसानों को खेती बाड़ी के अलावा पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित करती है। इसी कड़ी में अब हरियाणा की सरकार किसानों को दुधारू गाय और भैंस पालने पर लोन तथा सब्सिडी की सुविधा प्रदान कर रही है। जिसको देखते हुए सरकार ने पशु क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से पशुपालन के इच्छुक किसानों को बिना कुछ गिरवी रखे 1.60 लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है। पशु क्रेडिट कार्ड के माध्यम से गाय या भैंस खरीदने पर किसानों को 7 फीसदी ब्याज देना होता है। यदि किसान समय से अपना ब्याज चुकाते हैं तो इन 7 फीसदी में 3 फीसदी ब्याज सरकार वहन करती है। किसानों को वास्तव में मात्र 4 फीसदी ब्याज का ही भुगतान करना होता है। जिसे किसान अगले 5 साल तक चुका सकते हैं। जिन किसानों के पास खुद की जमीन है और उसमें वो पशु आवास या चारागाह बनाना चाहते हैं, वो भी इस योजना के अंतर्गत लोन प्राप्त कर सकते हैं। ये भी पढ़े: ये राज्य सरकार दे रही है पशुओं की खरीद पर भारी सब्सिडी, महिलाओं को 90% तक मिल सकता है अनुदान हरियाणा की सरकार ने भिन्न-भिन्न पशुओं पर भिन्न-भिन्न लोन की व्यवस्था की है। कृषि वेबसाइट के अनुसार, पशु किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके गाय खरीदने पर 40,783 रुपये, भैंस खरीदने पर 60,249 रुपये, सूअर खरीदने पर 16,237 रुपये और भेड़ या बकरी खरीदने पर 4,063 रुपये का लोन मुहैया करवाया जाएगा। इसके साथ ही मुर्गी खरीदने पर प्रति यूनिट 720 रुपये का लोन प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत लोन लेने के लिए किसानों को किसी भी प्रकार की कोई चीज गिरवी नहीं रखनी होगी। साथ ही किसान भाई पशु क्रेडिट कार्ड का उपयोग बैंक के भीतर डेबिट कार्ड के रूप में भी कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत अभी तक हरियाणा के 53 हजार से ज्यादा किसान लाभ प्राप्त कर चुके हैं। इन किसानों को सरकार के द्वारा 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन मुहैया करवाया जा चुका है। योजना के अंतर्गत दुधारू पशु खरीदने के लिए अभी तक 5 लाख किसान आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से 1 लाख 10 हजार किसानों के आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है। जिन किसानों को हाल ही में मंजूरी दी गई है उन्हे भी जल्द से जल्द पशु क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

पशु क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत ये बैंक देते हैं लोन

किसानों को 'पशु क्रेडिट कार्ड योजना' का लाभ देने के लिए सरकार ने कुछ बैंकों का चयन किया है। जिनके माध्यम से किसान जल्द से जल्द अपना 'पशु क्रेडिट कार्ड' बनवा सकते हैं। इनमें सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक को शामिल किया है।

पशु क्रेडिट कार्ड योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

आवेदक हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी  होना चाहिए, इसके साथ ही लोन लेने के लिहाज से सिविल ठीक होना चाहिए। आवेदक के पास आधार कार्ड ,पेन कार्ड ,वोटर आईडी कार्ड, बैंक खाता डिटेल, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो होना चाहिए। ये भी पढ़े: यह राज्य सरकार किसानों को मुफ़्त में दे रही है गाय और भैंस

ऐसे करें 'पशु क्रेडिट कार्ड' बनवाने के लिए आवेदन

जो भी व्यक्ति 'पशु क्रेडिट कार्ड' बनवाना चाहता है उसे ऊपर बताए गए किसी भी बैंक की नजदीकी शाखा में जाना चाहिए। इसके बाद वहां पर आवेदन पत्र लेकर आवेदन को सावधानी पूर्वक भरें। साथ ही आवेदन के साथ दस्तावेजों की फोटो कॉपी चस्पा करें। ये सभी दस्तावेज बैंक अधिकारी के पास जमा कर दें। आवेदन सत्यापन के एक महीने बाद किसान को पशु केडिट कार्ड दे दिया जायेगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने पशुपालन ऋण योजना जारी कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए

मध्य प्रदेश सरकार ने पशुपालन ऋण योजना जारी कर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए

मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैय्या कराने के लिए पशुपालन ऋण योजना लेकर आई है। इसके जरिए से राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में बेरोजगारी की दिक्कत को कम करने के लिए इस योजना को जारी किया है। इससे राज्य में बेरोजगारी को तो कम किया ही जा सकता है। साथ ही, लोगों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। सरकार इस पशुपालन ऋण योजना के जरिए युवाओं को पशुओं का पालन आरंभ करने के लिए कर्ज भी उपलब्ध करा रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने बताया है, कि प्रदेश में निरंतर बढ़ रही बेरोजगारी की परेशानियों को कम करने के लिए सरकार इस योजना को लेकर आई है। इस योजना का प्रमुख केंद्र बिंदु राज्य के युवा हैं।

पशुपालन ऋण योजना के बारे में जानें

यदि आपके समीप पांच से ज्यादा की संख्या में पशु हैं, तो आप इस पशुपालन ऋण योजना 2023 का फायदा उठा सकते हैं। इस योजना में आवेदन करने वाले को सरकार की तरफ से दस लाख रुपये तक का कर्ज प्रदान किया जाएगा। इस कर्ज की राशि को आवेदन करने वालों के बैंक खाते में सीधा भेजा जाएगा। आप इस धनराशि का इस्तेमाल स्वयं के पशुपालन का व्यवसाय चालू कर सकते हैं।

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योजना का प्रमुख उद्देश्य

मध्य प्रदेश सरकार की इस ऋण योजना के लक्ष्य के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। यह प्रदेश के उन नागरिकों को पशुपालन का रोजगार चालू करने के लिए बैंक से ऋण भी प्रदान करेगा। इसकी सहायता से लोग भैंस पालन, गाय पालन एवं बकरी पालन आदि का काम कर सकेगें। इसके लिए आप आवेदन करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.mpdah.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

योजना के प्रमुख तथ्य

इस पशुपालन ऋण योजना के लिए आवेदन समस्त वर्ग के लोग कर सकते हैं। साथ ही, इसका फायदा केवल उन लोगों को दिया जाएगा, जिनके पास पांच या पांच से अधिक पशु उपलब्ध हों। इस योजना के जरिए लोगों को पशुपालन रोजगार आरंभ करने के लिए दस लाख रुपए तक का कर्जा दिया जाएगा। इस ऋण पर बैंक द्वारा 5% का ब्याज भी वसूला जाएगा।